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Saturday, December 19, 2015

ओम पर्वत, जहां प्रकृति स्वयं जाप करती हैं "ऊँ" का, Om mountain where Nature creates Om sound


प्राचीन पौराणिक आख्यानों में कहा गया है कि इस पूरे विश्व में आठ स्थानों पर प्राकृतिक रूप से ��"म बना हुआ है
प्राचीन पौराणिक आख्यानों में कहा गया है कि इस पूरे विश्व में आठ स्थानों पर प्राकृतिक रूप से ओम बना हुआ है। इनमें से अभी तक सिर्फ एक ही जगह कैलाश मानसरोवर पर स्थित ओम को ढूंढा जा सका है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाते समय एक बर्फीले पर्वत पर प्राकृतिक रूप से बने इस ओम को स्पष्ट देखा जा सकता है।
पश्चिमी नेपाल के दरचुला जिले तथा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित हिमालय की पर्वतमाला में यह पर्वत आता है। इसे छोटा कैलाश भी कहा जाता है। बाबा अमरनाथ की ही तरह यहां पर बर्फ इस तरह से गिरती है कि स्वयं ही पवित्र हिंदू चिन्ह ओम का निर्माण हो जाता है।
सुनाई देती है ओम की ध्वनि

कैलाश मानसरोवर पर जाने वाले श्रद्धालु साधुओं के अनुसार इस पर्वत के दर्शन से अलौकिक शांति मिलती है। भगवान शिव के दर्शन के लिए आने वाले काफी तीर्थयात्री इस पर्वत को छूकर यहां अपना सम्मान दर्शाते हैं और अपने जीवन को धन्य बनाते हैं। तीर्थयात्री बताते हैं कि यहां पर ओम की ध्वनि भी स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है। उनके अनुसार यहां पहुंचने पर अदभुत और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जो पूरे मन, मस्तिष्क और शरीर को आध्यात्मिकता से भर देती है। यहां पहुंचने पर मन के बुरे विचार खुद-ब-खुद ही खत्म हो जाते हैं, और आदमी समाधि का अनुभव करने लगता है।
Om mountain
कई पर्वतारोही ऊँ पर्वत को जीतने का प्रयास कर चुके हैं। सबसे पहला प्रयास भारतीय ब्रिटिश टीम ने किया था। इस टीम ने तय किया कि वह धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए पर्वत की चोटी से दस मीटर (30 फीट) पहले ही रूक जाएंगे हालांकि वह तूफानी मौसम के कारण लक्ष्य से 200 मीटर (660 फीट) पहले से ही लौट आए।
8 अक्टूबर 2004 को पर्वतारोहियों की एक टीम ने इसे जीतने का सफल प्रयास किया और चोटी पर पहुंचने के कुछ ही मीटर पहले रूक गए। यहां उन्होंने पर्वत के प्रति सम्मान दिखाया और वापिस लौट आए।